झोला
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनझोला ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ झलना वा सं॰ चोल] [स्त्री॰ अल्पा॰ झोली]
१. कपड़े की बड़ी झोली या थैली ।
२. ढीलाढाला गिलाफ । खोली । जैसे, बंदूक का झोला ।
३. साधुओं का ढीला कुलता । चोला ।
४. बात का एक रोग जिसमें कोई अंग (जैसे, हाथ पैर आदि) ढीला पड़कर बैकाम पड़ जाता है । एक प्रकार का लकवा या पक्षाघात । मुहा॰—किसी को झोला मारना = (१) बात रोग से किसी अंग का बेकाम हो जाना । पक्षाघात होना । (२) सुस्त पड़ जाना । बेकाम हो जाना ।
५. पेड़ों कि पाला लू आदि के कारण एकबारगी कुम्हला जाने या सूख जाने का रोग । क्रि॰ प्र॰— मारना ।
६. झटका । आघात । धक्का । झोंका । बाधा । आपत्ति । उ॰— पाकी खेती देखिके गरवै कहा किसान । अजहूँ झोला बहुत है घर आवै तब जान ।— कबीर (शब्द॰) ।
७. हाथ का संकेत । इशारा ।
८. पाल की गोन या रस्सी को झटका देने या ढीलने की क्रिया ।
झोला ^२ † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ झलना] झोंका । झँकोरा । हिलोर । ल॰—कोई खाहिं पवन कर झोला । कोई करहिं पात अस डोला ।—जायसी (शब्द॰) ।