प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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झील संज्ञा पुं॰ [सं॰ क्षीर (=जल)]

१. वह बहुंत बड़ा प्राकृतिक जलाशय जो चारों ओर जमीन से घिरा हो । विशेष— झीलें बहुत बड़े मैदानों में होती हैं और प्राय इनकी लंबाई और चौड़ाई सैकड़ों मील तक पहुच जाती है । बहुत सी झीलें ऐसी होती हैं जिनका सोता उन्हीं के तल में होता है और जिनमें न तो कहीं बाहर से पानी आता है और न किसी ओर सै निकलता है । ऐसी झीलों कै पाने का निकास बहुधा भाप के रूप में होता है । कुछ झींलें ऐसी भी होती हैं जिनमें नदियाँ आकार गिरती है और कुछ झीलों में से नदियाँ निकलती भी हैं । कभी कभी झील का संबंध नदी आदि के द्वारा समुद्र से भी होता है । अमेरिका के संयुक्त राज्यों में कई ऐसी झीले हैं जो आपस में नदियों द्वारा सब एक दूसरे से संवद्ध है । झीलें खारे पानी की भी होतीं हैं और मीठे पानी की भी ।

२. तालाबों आदि से बड़ा कोई प्राकृतिक या बानावटी जलाशय । बहुत बड़ा तालाब । ताल । सर ।