झिलमिली
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनझिलमिली संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ झिलामिल]
१. एक दूसरे पर तिरछी लगी हुई बहुत सी आड़ी पटरियों का ढाँचा जो किवाड़ों और खिड़ाकियों आदि में जड़ा रहता है । खड़खड़िया । विशेष— थे सब पटरियाँ पीछे की ओर पतली लंबी लकड़ी या छड़ में ज़ड़ी होती हैं जिनकी सहयना से झिलमिली खोली या बंद की जाती है, । इसका व्यवहार बाहर से आनेवाला प्रकाश और गर्द आदि रोकने के लिये अथवा इसलिये होता है कि जिसमें बाहर से भीतर का दृश्य दिखालाई न पड़े । झिलमिली के पीछे लगी हुई लकड़ी या छड़ को जरा सा नीचे की ओर खोंचने से एक दूसरे पर पड़ी पटरियाँ अलग अखग खड़ी हो जाती हैं और उन सबके बीच में इतना अवकाश निकल आता है जिसमें से प्रकाश या वायु आदि अच्छी तरह आ सके । क्रि॰ प्र॰— उठाना ।—खोलना । —गिरना । —चढ़ाना ।
२. चिक । चिलमन ।
३. कान में पहनने का एक प्रकार का गहना ।
४. देखने या शोभा के लिये मकानों में बनी जाली ।