प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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झाऊ संज्ञा पुं॰ [सं॰ झाबुक] एक प्रकार का छोटा झाड़ जो दक्षिणी एशिया में नदियों के किनारे रेतीले मैदानों में अधिकता से होता है । पिचुल । अफल । बहुग्रंथि । विशेष—यह झाड़ बहुत जल्दी और खूब फैलता है । इसकी पत्तियाँ सरो की पत्तियों से मिलती जुलती होती है और गरमी के अंत में इसमें बहुत अधिकता से छोटे छोटे हलके गुलाबी फूल लगते हैं । बहुत कड़ी सरदी में यह झाड़ नहीं रह सकता । कुछ देशों में इससे एक प्रकार का रंग निकाला जाता है और इसकी पत्तियों आदि का व्यवहार औषधों में किया जाता है । इसमें से एक प्रकार का क्षार भी निकलता है । इसकी टहनियों से ठोकरियाँ और रस्सियाँ आदि बनती हैं और सूखी लकड़ी जलाने के काम में आती है । कहीं कहीं रेगिस्तानों में यह जाड़ बहुत बढ़कर पेड़ का रूप भी धारण कर लेता है ।