प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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झाँकी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ झाँकना]

१. दर्शन । अवलोकन । झाँकने या देखने की क्रिया या भाव । क्रि॰ प्र॰—करना ।—देना ।—मिलना ।—लेना ।—होना ।

२. दृश्य । वह जो कुछ देखा जाय । उ॰—काँटे समेटती, फूल छींटती झाँकी ।—साकेत, पृ॰ २१० । क्रि॰ प्र॰—देखना ।

३. वह जिसमें से झाँका जाय । झरोखा ।