झलका संज्ञा पुं॰ [सं॰ ज्वल (= जलना); प्रा॰ झल + हिं॰ का (प्रत्य॰)] चलने या रगड़ लगने आदि के कारण शरीर में पड़ा हुआ छाला । उ॰—झलका झलकत पायन्ह कैसे । पंकज कोस ओसकन जैसे ।—तुलसी (शब्द॰) ।