झबकै †पु क्रि॰ वि॰ [हिं॰ झबक] झपकी में ही । उ॰—सांभलि राजा बोल्या रे अवधू सुणै अनोपम बांणी जी । निरगुण नारी सूँ नेह करंता झबकै रैणि बिहाणी जी ।—गोरख॰, पृ॰ १५३ ।