झझकाना क्रि॰ स॰ [हिं॰ झझकना का प्रे॰ रूप] १. अचानक किसी प्रकार के भय की आशंका कराके किसी काम से रोक देना । चमकाना । भड़काना । उ॰—जुज्यों उझकि झाँपति बदन फुकति बिहँसि सतराइ । तुत्यों गुलाल मुठी झुठी झझकावत पिय जाइ ।—बिहारी (शब्द॰) । २. चौंका देना ।