झगरिनि पु संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ झगड़ी]दे॰ 'झगड़ी' । उ॰—(क) बहुत दिनन की आसा लागी झगरिनि झगरौ कीनौ ।— सूर॰, १० ।१५ । (ख) झगरिनि तैं हों बहुत खिझाई । कंचनहार दिए नहिं॰ मानति तुहीं अनोखी दाई ।—सूर॰, १० ।१३ ।