प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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झई †पु संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰]दे॰ 'झाँई' । उ॰—को जाने काहू के जिय की छिन छिन होत नई । सूरदास स्वामी के बिछुरे लागे प्रेम झई ।—सूर (शब्द॰) ।