झंपन
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनझंपन ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ झम्पन]
१. उछलने की क्रिया । उछाल ।
२. झोंका । उ॰—निराशा सिकता कुपथ में अश्मरेखा सी सुअंकीत । वायु झंपन में धबल मे हिमशिखर सी तुम अकंपित ।—क्वासि, पृ॰ ९९ ।
झंपन ^२पुं॰ संज्ञा पुं॰ [सं॰ आच्छादन; प्रा॰ झंपण, हिं॰ झाँपना] छिपाने की क्रिया । आवरित करने का कार्य । उ॰—तिहि अवसर लालान आइ गए उपमा कवि ब्रह्म कही नहिं जाई । कंचन कुंभ के झंपन को भुकि झंपत चंद झलक्कत झाई ।— अकबरी॰, पृ॰ ३४९ ।