प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ज्योतिर्लोक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कालचक्र प्रवर्तक ध्रुव लोक ।

२. उस लोक के अधिपति परमेश्वर या विष्णु । विशेष—भागवत में इस लोक को सप्तर्षि मंडल से १३ लाख योजन और दूर लिखा है । यहीं उत्तानपाद के पुत्र ध्रुव स्थित हैं जिनकी परिक्रमा इंद्र कश्यप प्रजापति तथा ग्रह नक्षत्र आदि बराबर करते रहते हैं ।