ज्याँना पु † क्रि॰ स॰ [हिं॰ जिमाना, जेवाना] खिलाना । उ॰— सुभग सुस्वाद सुबिंजन आनि । जननी ज्याँये अपने पानि ।— नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ २७८ ।