ज्ञानलत्तण
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनज्ञानलत्तण संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. न्याय में अलौकिक प्रत्यक्ष का एक भेद । विशेष—नैयायिकों ने प्रत्यक्ष के दो भेद माने हैं, लौकिक । और अलौकिक । अलौकिक प्रत्यक्ष के तीन भेद हैं, सामान्य- लक्षण, ज्ञानलक्षण और योगज । ज्ञानलक्षण वह है जिसमें विशेषण के ज्ञात होने पर विशेष्य का ज्ञान होता है । जैसे, घटत्व का ज्ञान होने पर घट शब्द से घड़े का ज्ञा्न ।
२. ज्ञान का निर्देशक, संकेतक साधन या उपाय (को॰) ।