प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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जूआ ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ युग]

१. रथ या गाड़ी के आगे हरस में बाँधी या जड़ी हुई वह लकड़ी जी बैलों के कंधे पर रहती है । क्रि॰ प्र॰—बाँधना । †

२. जुआठा ।

३. चक्की में लगी हुई लकड़ी जिसे पकड़कर वह फिराई जाती है ।

जूआ ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ द्यूत, प्रा॰ जूआ] वह खेल जिससे जीतनेवाले को हारनेवाले से कुछ धन मिलता है । किसी घटना की संभावना पर हार जीत का खेल । द्यूत । वि॰ दे॰ 'जुआ' । क्रि॰ प्र॰—खेलना ।—जीतना ।—हारना ।—होना ।