जुकाम
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनजुकाम संज्ञा पुं॰ [हिं॰ जुड़ + घाम वा अ॰ जुकाम; तुलनीय सं॰ यक्ष्मनू, * जखम, > जुखाम] अस्वस्थाता या बीमारी जो सरदी लगने से होती है और जिसमें शरीर में कफ उत्पन्न हो जाने के कारण नाक और मुँह से कफ निकलता है, ज्वरांश रहता है, सिर भारी रहता और दर्द करता है । सरदी । क्रि॰ प्र॰— होना । मुहा॰— जुकाम बिगड़ना = जुकाम का सूख जाना । मेढ़की को जुकाम होना = किसी मनुष्य में कोई ऐसी बात होना जिसकी उसमें कोई संभावना न हो । कीसी मनुष्य का कोई ऐसा काम करना जो उसने कभी न किया हो या जो उसके स्वभाव या अवस्था के विरुद्ध हो ।