प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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जीविका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. वह वस्तु या व्यापार जिससे जीवन का निर्वाह हो । भरण पोषण का साधन । जीवनोपाय । वृत्ति । उ॰—जीविका विहीन लोग सीद्यमान, सोच बस कहैं एक एकन सों कहाँ जाई का करी ?—तुलसी ग्रं॰ पृ॰, २२१ । क्रि॰ प्र॰—करना । यौ॰— जोविकार्जन = जीवन निर्वाह के साधन का संग्रह । उ॰— उसे अपने जीविकार्जन की एक मशीन बना रहा है ।— स॰ दर्शन पृ॰, ८८ । मुहा॰— जीविका लगना = भरण पोषण का उपाय होना । रोजी का ठिकना होना । जीविका लगाना = मरण पोषण का उपाय करना । जीवन निर्वाह का उपाय करना । रोजी का ठिकाना करना ।

२. जीवनदायी तत्व अर्थात् जल (को॰) ।

३. जीवन (को॰) ।