जिहन संज्ञा पुं॰ [अ॰ जिह्न] समझ । बुद्धि । धारण । मुहा॰—जिहन खुलना = बुद्धि का विकास होना । जिहन लड़ना = बुद्धि का काम करना । बुद्धि पहुँचना । जिहन लड़ाना = सोचना । बुद्धि दौड़ना । ऊहापोह करना ।