जिच्च
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनजिच्च ^१ संज्ञा स्त्री॰ [?]
१. बेबसी । तंगी । मजबूरी ।
२. शतरं ज में शाह की वह अवस्था जब उसे चलने का कोई घर न हो और न अर्दब में देने को मोहरा हो ।
३. शतरंज के खेल की वह अवस्था जिसमें किसी एक पक्ष का कोई मोहरा चलने की जगह न हो ।
जिच्च ^२ वि॰ विवश । मजबूर । तंग ।