जिकर संज्ञा पुं॰ [हिं॰ जिकिर] दे॰ 'जिकिर' । उ॰—फिरै गैब का छत्र जिकर का मुस्क लगाई ।—पलटू॰, भा॰ १, पृ॰ १०९ ।