जिंक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनजिंक संज्ञा स्त्री॰ [अं॰ जिंक] जस्ते का क्षार । विशेष—यह खार देखने में सफेद रंग का होता है और रंग रोगन और दवा के काम में आता है । यह क्लोराइड आफ जिंक, वा सलफेट आफ जिंक को सोडियम, बेरियम वा कैलसियम सलफाइड में घोलने या हल करने से बनता है । सलफाइड के नीचे तलछट बैठ जैती है जिसे निकालकर सुखाने के बाद लाल आँच में तपाकर ठंढे पानी में बुझा लेते हैं । इसके बाद वह खरल में पीसी जाती है और बाजारों में बिकती है । इसे सफेदा भी कहते हैं । गुलाबजल या पानी में घोलकर इसे आँखों में डालते हैं जिससे आँख की जलन और ददं दूर हो जाता है । यौ॰—जिंक आक्साइड ।