जात्य वि॰ [सं॰] १. उत्तम कुल में उत्पन्न । कुलीन । २. श्रेष्ठ । ३. जो देखने में बहुत अच्छा हो । सुंदर ।
जात्य त्रिभुज संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह त्रिभुज क्षेत्र जिसमें एक समकोण हो । जैसे /?/ ।