जातक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनजातक ^१ वि॰ [सं॰] उत्पन्न । पैदा हुआ । जात [को॰] ।
जातक ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. बच्चा । उ॰—(क) तुलसी मन रंजन रंजित अंजन । नयन सु खंजन जातक से । सजनी ससि में समसील उभै नव नील सरोरुह से विकसे ।—तुलसी ग्रं, पृ॰ १५६ । (ख) जानै कहाँ बाँझ ब्यावर दुख जातक जनहि न पीर है कैसी ।—सूर (शब्द॰) ।
२. कारंडी । बत ।
३. भिक्षु ।
४. फलित ज्योतिष का एक भेद जिसके अनुसार कुंडली देखकर उसका फल कहते हैं ।
५. एक प्रकार की बौद्ध कथाएँ जिनमें महात्मा बुद्धदेव के पुर्वजन्मों की बातें होती हैं । महात्मा बुद्ध के बोधिसत्व रूप पुर्व जन्मों की कथाएँ ।
७. जातकर्म संस्कार । वि॰ दे॰ 'जातकर्म' ।
८. एकजातीय वस्तुओं का समूह (को॰) । यौ॰—जातकचक्र = नवजात संतति के शुभाशुभ ग्रहों की स्थिति का बोधक चक्र । जातकध्वनि = जलौका । जोंक ।
जातक ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] हींग का पेड़ ।