प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

जाइ पु † वि॰ [हिं॰ जाना] व्यर्थ । वृथा । निष्प्रयोजन । बेफायदा । उ॰—सुमन सुमन अरपन लिए उपवन ते धन ल्याइ । धरनी धरि हरि तकि कही हाइ भयो श्रम जाइ । —(शब्द॰) ।