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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

जवादि संज्ञा पुं॰ [अ॰ जब्बाद, जबाद; जबाद; तुल॰ सं॰ जवादि] एक सुगांधित द्रव्य जो गंधमार्जार से निकाला जाता है । उ॰— पहिले तजि आरस आरसी देखि घरीक धसे घनसारहि लै । पुनि पोंछि गुलाब तिलौंछि फुलेल अगोछे में ओछे अँगोछन कै । कहि केशव भेद जवादि सो माँजि इते पर आँजे में अंजन है । बहूरे हरि देखौं तौ देखों कइ सखि लाज ते लोचन लागे दहैं ।—केशव (शब्द॰) । विशेष—राजनिघंटु में इसके गुणों का वर्णन प्राप्त होता है । यह पीले रंग की एक चिकनी लसदार चीज है जो कस्तूरी की तरह महकती है । इसे गौरासार, मृगघर्मज आदि भी कहते हैं । वि॰ दे॰ 'गंधबिलाव' ।

जवादि कस्तूरी संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ या सं॰] दे॰ 'जवदि' ।