जलाल संज्ञा पुं॰ [अ॰] १. तेज । प्रकाश । उ॰—खुदावंद का जलाला दहकती आग के सदृश दिखलाई देता था ।—कबीर मं॰, पृ॰ २०१ । २. महिमा के कारण उत्पन्न होनेवाला प्रभाव । आतंक ।