प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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जलसा संज्ञा पुं॰ [अ॰ जलसह]

१. आनंद या उत्सव मनाने के लिये बहुत से लोगों का एक स्थान पर एकत्र होना, विशेषतः लोगों का वह जमावड़ा जिसमें खाना पीना, गाना बजाना, नाच रंग और आमोद प्रमोद हो । जैसे,— कल रात को सभी लोग जलसे में गए थे ।

२. सभा , समिति आदि का बड़ा आधिवेशन जिसमें सर्वसाधारण सम्मिलित हों । जैसे,—परसों आर्य समाज का सालाना जलसा होगा ।