प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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जती ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ यतिन्] संन्यासी । दे॰ 'यति' । उ॰—जती पुरुष कहुँ ना गहैं परनारी कौ हाथ ।—शकुंतला॰, पृ॰ ९७ ।

जती का अर्थ है वह जो उद्देश्य की दृढ़ता के साथ प्रयास करता है. वह जो लोगों को अज्ञानता को कम करके दिव्य ज्ञान प्राप्त कराता है.

  • ब्रह्मचारी

जती ^२पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ याति] छंद में विराम । दे॰ 'यति ^२' ।