प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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जतन †पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ यत्न] दे॰ 'यत्न' । उ॰—बार बार मुनि जतन कराहीं । अंत राम कहि आवत नाहीं ।—तुलसी (शब्द॰) ।