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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

जग्य ^१पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ यज्ञ] दे॰ 'यज्ञ' । उ॰—पिता जग्य सुनि कछु हरषानी ।—मानस, १ ।६१ । यौ॰—जग्यउपवीत = यज्ञोपवीत ।