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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

जखीरा संज्ञा पुं॰ [अ॰ जाखीरह्]

१. वह स्थान जहाँ एक ही प्रकार की बहुत सी चीजों का संग्रह हो । कोष । खजाना ।

२. संग्रह । ढेर । समूह । उ॰—रहै जखीरा गढ़ कै जेता ।—ह॰ रासो, पृ॰ ५९ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—लगाना । यौ॰—जखीरा अंदोज = दे॰ 'जखीरेबाज' । जखीराअदोजी दे॰ 'जखीरेबाजी' ।

३. वह बाग का स्थान जहाँ विक्री के लिये तरह तरह के पेड़ पौधे और बीज आदि मिलते हों ।