जंदरा संज्ञा पुं॰ [सं॰ यन्त्र > हिं॰ जंतर > जदरा] १. यंत्र । कल । मुहा॰—जंदरा ढीला होना = (१) कल पुर्जे बेकार होना । (२) हाथ पैर सुस्त होना । थकावट आना । नस ढीली होना । २. जाँता । जैसे, कुछ गेहुँ गीले, कुछ जंदरे ढीले । † ३. ताला ।