छर्दि
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनछर्दि ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. वमन । कै । उलटी ।
२. एक रोग जिसमें रोगी के मुँह से पानी छूटता है और उसे मचली औती है और वमन होता है । विशेष—वेद्यक में इस रोग के दो भेद माने गए हैं—एक साधारण जो कड़ुई, नमकीन, पतली या तेल की चीजें अधिक खाने तथा अधिक और अकाल भोजन करने से हो जाता है । अन्य रोगों के समान इसके भी चार भेद हैं—वातज, पित्ताज, श्लेष्मज और त्रिदोषज । दूसरा आगंतुक जो अत्यंत श्रम, भय, उद्वेग, अजीर्ण आदि के कारण उत्पन्न होता है । वेद्यक में यह पाँच प्रकार का माना गया है—वीभत्स, दौहृदज, आमज, असात्म्यज और कृमिज । इस रोग से कास, श्वास, ज्वर आदि भी हो जाते हैं । पर्यां॰—प्रच्छर्दिका । छर्द । वमन । वमि । छर्दिका । वांति । उद्गगार । छर्दन । उत्कासिका ।
छर्दि ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ छर्दिस]
१. घर ।
२. आच्छादनयुक्त स्थान । सुरक्षित स्थान (को॰) ।
३. तेज ।
४. उदगार । वमन ।