छबकाल संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का काव्यदोष । डिंगल काव्य में जब डिंगल भाषा से भिन्न और भी भाषाएँ प्रयुक्त हों, तब वहाँ छबकाल दोष होता है । उ॰—रुलै उकतरो रूप, अंध सो नाम उचारैं । कहे वले छबकाल, विरुद्ध भाषा बिसतारें ।—रघु॰ रू॰, पृ॰ १४ ।