प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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छपा पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ क्षपा]

१. रात्रि । रात । उ॰—छपन छपा के, रवि इव भा के, दंड उतंग उड़ाके । विविध कता के, बँधे पताके, छुबै जे रवि रथ चाके ।—रघुराज (शब्द॰) ।

२. हरिद्रा । हलदी ।