छन्न
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनछन्न ^१ वि॰ [सं॰]
१. ढका हुआ । आवृत । आच्छादित ।
२. लुप्त । गायब ।
छन्न ^२ संज्ञा पुं॰
१. एकांत स्थान । निर्जन स्थान । गुप्त स्थान ।
छन्न ^३ संज्ञा पुं॰ [अनु॰]
१. किसी तपी हुई चीज पर पानी आदि पड़ने से उत्पन्न शब्द ।
२. कड़कडा़ते हुए तेल या घी में तलने की वस्तु प़डने का शब्द । मुहा॰—छन्न होना = सूख जाना । उड़ जाना ।
३. धातुओं के पत्तरों की परस्पर टक्कर से उत्पन्न शब्द । छनकार । ठनकार । छोटी छोटी ककड़ियाँ । बजरी ।
छन्न ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ छन्द] [स्त्री॰ छन्नी] छँद नाम का गहना । हाथ का एक आभूषण । उ॰—चाहे उसके लिये माँ के हाथों के छन्न ककना ही क्यों न गिरबी रखने पडे़ ।—ज्ञानदान, पृ॰ ६७ ।