छनक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनछनक ^१ संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰] छन छन करने का शब्द । झनझनाहट झनकार । उ॰—कवि मतिराम भूषननि की छनक सुनि चाँद भो चपल चित रसिक रसाल की ।—मतिराम (शब्द॰) ।
२. जलती या तपती हुई वस्तु पर पानी आदि पड़ने के कारण छन छन होने का शब्द ।
छनक ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ शङ्का या हिं॰ सनक] किसी आशंका से चौककर भागने की क्रिया । भड़क ।
छनक ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ क्षण, हिं॰ छन + एक] एक क्षण । उ॰— अरि छोटो गनिए नहीं, जातें होत बिगार । तृन समूह को छनक में, जारत तनिक अँगार ।—वृंद (शब्द॰) ।
छनक मनक संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰]
१. गहनों के बजने का शब्द । आभूषणों की झनकार ।
२. साज बाज । ठसक । जैसे-न्योते में स्त्रियाँ बड़ी छनक मनक से जाती हैं ।
३. दे॰ 'छगनमगन' ।