छत्रभङ्ग
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनछत्रभंग संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. राजा का नाश ।
२. ज्योतिष का एक योग जो राजा का नाशक माना गया है ।
३. स्त्री की पति द्वारा परित्यक्तावस्था । बैधव्य । बिधवपन ।
४. अराजकता ।
५. हाथी को एक दोष जो उसके दोनों दाँतों के कुछ नीचे ऊपर होने के कारण माना जाता है ।
६. परनिर्भरता । पराधीनता । पराश्रयता (को॰) ।