छत्रछाँह संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ छत्र + हिं॰ छाँह] रक्षा । शरण । उ॰— या की छत्रछाँह सुख बसियत सकल समाधा है ।—घनानंद॰, पृ॰ ५४९ ।