छति पु † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ क्षति] हानि । त्रुटि । नुकसान । उ॰— का छति लाभु जून धनु तोरे । देखा राम नए के भोरे ।— मानस, १ । २७२ ।
छति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] कौटिल्य अर्थशास्त्र में कथित चमड़े का कुप्पा आदि जिसके सहारे नदी पार उतरते थे ।