प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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छतज संज्ञा पुं॰ [सं॰ क्षतज]

१. रक्त । खून । लहू । उ॰— रघुनंदन दसकंध के काटे मुंड़ कराल । छलक्यौ छतज कबंध तैं करयो भूमि नभ लाल । —स॰ सप्तक, पृ॰ ३६७ ।

२. रक्त के समान लाल । उ॰—छतज नयन उर बाहु बिसाला । हिमगिरि निभ तनु कछु एक लाला ।—मानस, ६ । ५२ ।