छज्जा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनछज्जा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ छाजना या छाना]
१. छाजन या छत का वह भाग जो दीवार के बाहर निकला रहता है । ओलती । उ॰—कूबर अनुप रुप छतरी छजत तैसी छज्जन में मोती लटकत छबि छावने ।—गिरधर (शब्द॰) ।
२. कोठे या पाटन का वह भाग जो कुछ दूर तक दीवार के बाहर निकला रहता है और जिसपर लोग हवा खाते या बाहर का दृश्य देखने के लिये बैठते हैं । उ॰—छज्जन तें छूटति पिचकारी । रँगि गई बाखरि महल अटारी ।—सूर (शब्द॰) ।
३. दीवार या दरवाजे के ऊपर लगी हुई पत्थर की पट्टी जो दीवार से बाहर निकली रहती है ।
४. टोपी या हैट के किनारे का निकला हुआ भाग जिससे धूप से बचाव होता है । मुहा॰—छज्जेदार = जिसका किनारा आगे की ओर निकला हुआ हो । जिसमें छज्जा हो । जैसे, छज्जेदार टोपी ।