चोला
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनचोला संज्ञा पुं॰ [सं॰ चल]
१. एक प्रकार का बहुत लंबा और ढीला ढाला कुरता जो प्रायः साधु, फकीर और मुल्ला आदि पहनते हैं । एक रसम जिसमें नए जनमे हुए बालक को पहले पहल कपडे़ पहनाए जाते हैं । यह रसम प्रायः अन्न- प्राशन आदि के समय होती है ।
३. वह कपड़ा जो पहले पहल बच्चे को पहनाया जाता है । क्रि॰ प्र॰—पड़ना ।
४. शरीर । बदन । जिस्म । तन । जैसे,—कुछ दिनों तक यह दवा खाओ, कंचन सा चोला हो जायगा । मुहा॰—चोला छोड़ना = मरना । प्राण त्यागना । चोला बद- लना । (१) एक शरीर परित्याग करके दूसरा शरीर धारण करना (साधुओं की बोली) । (२) नया रूप धारण करना ।