प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चोभा ^१ † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चोभना]

१. वह पोटली जिसमें कई दवाएँ बँधी होती हैं और जिसमें शरीर के किसी पीड़ित अंग विशेषतः आंख को सेंकते हैं । लोथा । मुहा॰— चोभा देना = औषध को पोटली में बाँधकर उससे शरीर के किसी पीडित अग को सेंकना ।

२. एक प्रकार का औजार जिसमें लकड़ी के दस्ते या लट्टू में आगे की ओर चार पाँच मोटी सूइयाँ रहती हैं । विशेष— इस औजार से आँवले या पेठे आदि का मुरब्बा बनाने के पहले उसे इसलिये कोंचते हैं कि उसके अंदर तक रस या शीरा चला जाय ।