प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चुन्नी सज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चूर्णिका या चूर्णीकृत]

१. मानिक, याकूत या और किसी रत्न का बहुत छोटा टुकड़ा । बहुत छोटा नग ।

२. अनाज का चूर । भूसी मिले अन्न के टुकड़े ।

३. स्त्रियों की चददर । ओढ़नी ।

४. लकड़ी का बारीक चूर जो ओरी से चीरने पर निकलता है । कुनाई ।

५. चमकी या सितारे जो स्त्रियाँ अपना सौदर्य बढ़ाने के लिये माथे और कपोलों पर चिपकाती हैं । उ॰—तिलक सँवारि जो जो चुन्नी रची । दुइज माँझ जानहुँ कचपची ।—जायसी (शब्द॰) । मुहा॰—चुन्नी रचना = मस्तक और कपोलों पर सितारे या चमकी लगाना ।