प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चित्तवृत्ति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. चित्त की गति । चित्त की अवस्था । विशेष—योग में चित्तवृत्ति पाँच प्रकार की मानी गई है— प्रमाण, विपर्यय, विकल्प, निद्रा और स्मृति । इन सबके भी क्लिष्ट और अक्लिष्ट दो भेद हैं । अविधा आदिक्लेशहेतुक वृत्ति क्लिष्ट और उससे भिन्न अक्लिष्ट हैं ।

२. विचार ।

३. मन:स्थिति । भाव ।