चित्
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनचित् ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. चैतन्य । चेतना । ज्ञान । यौ॰—चिदाकाश । चिदानंद । चिन्मय ।
चित् ^२ संज्ञा पुं॰
१. चुननेवाला । बीननेवाला । इकट्ठा करनेवाला ।
२. अग्नि ।
३. रामानुजाचार्य के अनुसार तीन पदार्थों में से एक जो जीव-पद-वाच्य, भोक्ता, अपरिच्छिन्न, निर्मल-ज्ञान- स्वरूप और नित्य कहा गया है । (शेष दो पदार्थ अचित् और ईश्वर हैं) ।
चित् ^३ प्रत्य॰ संस्कृत का एक अनिश्चयवाची प्रत्यय जो कः, किम् आदि सर्वनाम शब्दों में लगता है । जैसे; कश्चित, किंचित् ।