चाहा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनचाहा ^१ संज्ञा पुं॰ [चाष] जल से निकट रहनेवाला बगले की तरह का एक पक्षी जिसका सारा शरीर गुलदार और पीठ सुनहरी होती है । उ॰—उड़ आबानी, हिरहरी,बया, चाहा चुगते कर्दम, कृमि, तृन ।—ग्राम्या॰, पृ॰ ३८ । विशेष—यह जल अथवा कीचड़ के कीडे़ मकोडे़ खाता है । इसका लोग मांस के लिये शिकार करते हैं । यह पक्षी कई प्रकार का होता है । यौ॰—चाहा करमाठी—गर्दन सफेद, शेष सब काला । चाहा चुक्का=चोंच और पैर लाल, शेष सब खाको । चाहा बगौधी= पैर लाल, शेष सब शरीर चितकबरा । चाहा लमगोड़ा= चितकबरा, चोंच और पैर कुछ अधिक लंबे ।
चाहा पु ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ हिं॰ चाह] खबर । उ॰—को सिंहल पहुँचावै चाहा ।—जायसी॰ ग्रं॰, पृ॰ १५९ ।