प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चाला ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चाल]

१. प्रस्थान । कूच । रवानगी ।

२. नई बहू का पहले पहल मायके से ससुराल या ससुराल से मायके जाना ।

३. यात्रा का मुहूर्त । प्रस्थान के लिये शुभ दिन । चलने की सायत । जैसे, आज पूरब का चाला नहीं है । मुहा॰— चाला देखना = यात्रा का मुहूर्त बिचारना । चाला निकालना = मुहूर्त निश्चित करना ।

चाला ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चालाक= छानना]

१. एक प्रकार का कृत्य जो किसी व्यक्ति के मर जाने पर उसकी षोड़शी आदि की क्रिया की समाप्ति पर रात के समय किया जाता है । विशेष — इसमें एक चलनी में राख या बालू डालकर उसे छानते हैं; और जमीन पर गिरी हुई राख या बालू में बननेवाली आकृतियों से इस बात का अनुमान करते हैं कि मृत व्यक्ति अगले जन्म में किस योनि में जायगा । यह कृत्य प्रायः घर की कोई बड़ी बूढ़ी स्त्री एकांत में करती है, और उस समय किसी को, विशेषतः बालकों को, वहाँ नहीं आने देती ।