चारयारी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनचारयारी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चार +फ़ा॰ मारी]
१. चार मित्रों की मंड़नी ।
२. मुसलमानों में सुन्नी संप्रदाय की एक मंड़ली जो अबूबक्र, उमर, उसमान और अनी इन्हीं चारों को खलीफा मानती है ।
३. चाँदी का एक चौकोर सिक्का जिसपर मुहम्मद साहब के चार मित्रों या खलीफों के नाम अथवा कलमा लिखा रहता है । चारयारी का रुपया । विशेष— यह सिक्का अकबर तथा जहाँगीर के समय में बना था । इस सिक्के या रूपए के बराबर चावल तौलकर उन लोगों को खिलाते हैं जिनपर कोई वस्तु चुराने का संदेह होता है, और कह देते हैं कि जो चोर होगा उसके मुँह से खून निकलने लगेगा । इस धमकी में आकर कभी कभी चुरानेवाले चीजों को फेंक या रख जाते हैं ।